ओ नदी तुम बहा करो
ओ नदी तुम बहा करो
कुछ बूंदों के सृजन से मिला है जीवन
तुम बूंदों के संग रहा करो , ओ नदी तुम.....
प्रवाह नियम है जीवन का
पथरीले रस्तों से ये कहा करो , ओ नदी तुम बहा करो
मेरा जीवन जड़ पेड़ की तरह
तुम मुझ से मिलती रहा करो , ओ नदी तुम
सोते जागते बहते रहना
जीवन का उद्देश्य तुम्हारा
जीवन की इस दौड़ में
तुम सबसे आगे रहा करो
ओ नदी तुम बहा करो.....
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