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बुधवार, 27 जुलाई 2016

पते गलत थे

मेरे ख्वाहिशों के खतों पर पते गलत थे
तुम जब तक मेरे साथ थे, मुझ से अलग थे

मैंने कई बार खुदा बदलकर भी देखा
तुमने जिनके सजदे किये वो सारे खुदा अलग थे

मंजिलों की बात तुम से तो फिजूल थी
जो लम्हे मैंने खर्च किये वो सब खर्चे अलग थे

मेरे रतजगों का हिसाब किसी जिल्द पर लिखा है
वो जो सफ़ेद से सफ्हे थे वो सब सफ्हे अलग थे




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