Popular Posts

शुक्रवार, 23 मई 2014

पीछे का कमरा

अब किसके पास वक़्त है यहाँ
अब कौन जनाजे में रोता है
आज आफिस में काम  बहुत है
और एक दिन तो सबने मरना होता है

 ये तो इस कॉलोनी में रोज़ का लगा रहता है
आज किसी का बाप मरा है और कल किसी का चौथा है
उनके जीते जी न गए हम कभी
अब जनाजे में जाने से क्या होता है.

यूँ ही नहीं मैंने अपनी
ये दुनिया बनायीं है
अपनी सांस से  सांस रगड़कर
इस घर की इंट इंट बनायीं है
देखो इस हवादार  मकान को
इसका  मारबल मकराना से लाये थे 
दीवारों को सजाने के लिए 
कारीगर आगरा से बुलाये  थे 
बाहर के कमरे से सनराइज
और टेरेस से सनसेट होता है

पीछे का कमरा????????
उसे बंद ही रहने दो यार
पीछे का कमरा तो
बूढ़े माँ बाप के लिए होता है
हाँ, वो छोटी सी रसोई भी
उन्ही के लिए है
उन बर्तनो को भी हम
हाथ नहीं लगाते
एक छोटू रखा है इनके लिए
वो ही इन बर्तनो
को धोता है

माँ बाप को हम जनरली
मेहमानो से नहीं मिलवाते
माँ जो कम सुनती है
अपने में खो जाती है
बाप खासते ही रहते है
तो सिचुएशन
ऑक्वर्ड हो जाती है

कुछ गरीब रिश्तेदार है
जो कभी कभी इनसे
मिलने आते है
ये जाये  और जाकर
अब रहे छोटे के घर
हम दोनों अब
ये ही चाहते है

इनकी बातों में
बच्चों का बहुत
समय ख़राब होता है

आजकल की ज़िन्दगी में 
ये कहाँ एडजस्ट कर पाते है
एक उम्र के बाद तो माँ बाप
बस कहने के लिए ही रह जाते है

उनके ज़माने अलग थे
लोगो के पास बहुत वक़्त था
जरूरते भी बहुत कम थी
और कम में ही बसर हो जाती थी
मेरे कपडे छोटा पहनता था
और एक ही निक्कर
कई साल चल जाती थी
सात रुपये किलो दूध और
बीस रुपये लीटर खाने का
तेल आता था
कुछ भी मीठा बना हो घर में
पड़ोसियों में बांटा जाता था

पडोसी साले दगा दे गए
कभी फुर्सत में बताऊंगा

बातें ये बरसोँ की है
जेहन में चिपकी है ऐसे
जैसे बस  ये परसो की है

खैर !! जीवन है ये
और ये ऐसे ही
 चलता रहता है
आँखों के कोरो से रिसता हूँ
देर तक जब मेरा बड़ा बेटा
मुझसे आकर ये कहता है
कि पापा पीछे के कमरे में
अबकी दिवाली
आपका फेवरट ब्लू
कलर करवाएंगे
अबकी जो दादा दादी
गए चाचा के यहाँ
तो फिर इसे आपका
इस्टडी रूम बनाएंगे

हाथों से छूटता मेरा वर्त्तमान
अब मुझे मेरे भविष्य
के पास लाने लगा है
टेरेस से सनसेट के बाद
का अँधेरा अब पूरे घर
पर छाने लगा है

पीछे के कमरे का खौफ
अब मुझे सताने लगा है
 

 








कोई टिप्पणी नहीं: