वो जो मिलकर मुझ से जुदा हुआ
वो तुम नहीं थे तो फिर कौन था
वो सभी के दिल में बसा था जो
वो तुम नहीं थे तो कौन था।
वो तुम नहीं थे तो फिर कौन था
वो सभी के दिल में बसा था जो
वो तुम नहीं थे तो कौन था।
वो खलिश और भी बढ़ गयी
वो खुमार और भी चढ़ गया
वो जला के दीप जो प्रेम का
गुज़र गया यहाँ से जो
वो तुम नहीं थे तो कौन था।
वो खुमार और भी चढ़ गया
वो जला के दीप जो प्रेम का
गुज़र गया यहाँ से जो
वो तुम नहीं थे तो कौन था।
ये जिक्र किसकी वफ़ा का था
वो हिज्र किसकी जफ़ा का था
कौन हुआ शहर में जफ़ा गार यूँ
जो मिलकर सबसे बिछड़ गया
वो तुम नहीं थे तो कौन था।
वो हिज्र किसकी जफ़ा का था
कौन हुआ शहर में जफ़ा गार यूँ
जो मिलकर सबसे बिछड़ गया
वो तुम नहीं थे तो कौन था।
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