तुमसे बात करने का अब कोई बहाना नहीं है
और ब्लॅंक कॉल करने का अब ज़माना नहीं है
दिन के जुगनू रातों को आवारा से फिरते लेकिन
ना दिन को फुरसत है और रातों का भी अब ठिकाना नहीं है
एक अर्सा हुआ यारों की मेहफिलों का चाँद हुए
सब्जी मॅंडी से आगे अब अपना आना जाना नहीं है
तेरे खत और तस्वीर तेरी फाड़ दी थी उसी दिन
सोना है सुकून से, अब बीवी से कुछ छुपाना नहीं है
मेहफ़ूस रखना अपने दिल के किसी कोने में तुम मुझको
सच्चे आशिक़ है हम, तुम्हारे बच्चों के मामा नहीं है
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