आँखों से बहो और दिल से निकल जाओ तुम तो अच्छा होगा
रहो मेरी तन्हाई से दूर और मुझे ना याद आओ तुम तो अच्छा होगा
अच्छा होगा तुम्हारा ना मिलना मुझसे हमेशा के लिये
मेरे कमरे से अपनी यादें समेट जाओ तुम तो अच्छा होगा
मेरी आँखों को अब रोशनी की आदत भी नहीं
मेरी अंखों के आईनो से अपना अक्स ले जाओ तुम तो अच्छा होगा
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