Na jane mujhe kya ho raha hai
Pehale to nahi tha par ab dard ho raha hai
Kuch rishte Samaaj ki aag mein Mom se pighal gaye
Na jane kis pe gira garm Mom na jane kon ro raha hai.
Nadi baha ke layi thi le jana bhool gayi
Us thandi narm ret par wo kon so raha hai
Kuch tasveerien chaatnkar ek kahaani banaayi thi
Ye to na tha kahaani mein , ye jo ho raha hai
Na jane kiski kahaani ka main konsa hissa hoon
Meri to har kahaani ka har kissa kho raha hai.
Na jane mujhe kya ho raha hai.......
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1 टिप्पणी:
butiful, yaar.
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