पहाड़ों की चोटियों पर रात को
कोई सोता तो होगा
यहाँ तक आते हैं
वहां के सन्नाटे
कोई जरूर वहां
रोता तो होगा
इन घुमावदार रास्तों पर
कई बार पानी को
उतरते देखा है
कई बार यहीं से
कोहरे को ऊपर
चढ़ते देखा है
किसी को तो
जाती होगी ये रसद
वहां ऊपर जरूर
कोई होता तो होगा
चोटियों पर पहले
आती है धूप
किसी को तो
जगाने के लिए
रजाई तान कर रात भर
कोई वहां सोता तो होगा
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