मुझे मेरे सपने अब मिला नहीं करते
कई मौसम बदले मेरे शहर के लेकिन
फूल वो दिलों वाले अब खिला नहीं करते
पत्थर हो गए इंसा सब के सब
अब यहाँ ईद पर गले मिला नहीं करते
बच्चों सी है बातें इनकी
इनकी बातों का अब हम गिला नहीं करते
तार तार हो गया है जिस्म छिल कर
जख्म कोई भी हो अब हम सिला नहीं करते।
कई मौसम बदले मेरे शहर के लेकिन
फूल वो दिलों वाले अब खिला नहीं करते
पत्थर हो गए इंसा सब के सब
अब यहाँ ईद पर गले मिला नहीं करते
बच्चों सी है बातें इनकी
इनकी बातों का अब हम गिला नहीं करते
तार तार हो गया है जिस्म छिल कर
जख्म कोई भी हो अब हम सिला नहीं करते।