जब से मेरे दुश्मन मेरा दर्द बन गए
खाकर "हकीमो" की दवा हम भी मर्द बन गए
बदनामी के चूहे मेरा नसीब कुतर गए
चढ़ के हम भी शौहरत की सीढ़ी निचे उतर गए
कुछ सीखा था हमने भी दो चार पैसे छापना
छपते छपते मशीनों के पहिये उतर गए
मेरे पैसे के बाग को दीमक सी लग गयी
आस्तीन के साँप सारे बागों में भर गए
चाकर मेरे घर के सारे, अफसरी कर गए
गढ़ को लूट कर मेरे, मुझे गढ़करी कर गए
खाकर "हकीमो" की दवा हम भी मर्द बन गए
बदनामी के चूहे मेरा नसीब कुतर गए
चढ़ के हम भी शौहरत की सीढ़ी निचे उतर गए
कुछ सीखा था हमने भी दो चार पैसे छापना
छपते छपते मशीनों के पहिये उतर गए
मेरे पैसे के बाग को दीमक सी लग गयी
आस्तीन के साँप सारे बागों में भर गए
चाकर मेरे घर के सारे, अफसरी कर गए
गढ़ को लूट कर मेरे, मुझे गढ़करी कर गए
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