आज भी बारिशों का
मैं इंतज़ार करता हूँ
तुम मिलोगी फिर कभी
किसी बारिश में भीगती
यही दुआ मैं खुदा से
बार बार करता हूँ
अचानक सी बारिश में
भीगते से दो बदन
मौसमों से ऐसी
साजिशों की
दुआ मैं बार बार
करता हूँ
कुछ न हो दरमियाँ हमारे
सिर्फ साँसों का सैलाब हो
सिगरेट के धुंए जैसे
उस पल की दुआ
मैं बार बार
करता हूँ
आज भी मैं बारिशों का इंतज़ार करता हूँ
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