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सोमवार, 24 जून 2013

आज भी मैं बारिशों का इंतज़ार करता हूँ

आज भी बारिशों का 
मैं इंतज़ार करता हूँ 
तुम मिलोगी फिर  कभी 
किसी बारिश में भीगती 
यही दुआ मैं खुदा  से 
बार बार करता हूँ 

अचानक सी बारिश में 
भीगते से  दो बदन 
मौसमों से ऐसी 
साजिशों की 
दुआ मैं बार बार 
करता हूँ 

कुछ न हो दरमियाँ हमारे 
सिर्फ साँसों का सैलाब हो 
सिगरेट के धुंए जैसे 
उस पल की दुआ 
मैं बार बार 
करता हूँ 

आज भी मैं बारिशों का इंतज़ार करता हूँ 




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