Zindagi bhar jine ka armaan chala gayaa
Baadalon ke saath Aasman chala gaya
Samjhaya tha na janana yun kisi ke saath raah chalet
Us haseen khwaab ke saath Dil-e-Nadan chalaa gayaa
Bamushkil likhe the wo Dard-e-Sher maine
Abki tufaan mein mera Deewan chala gaya
Daur-e-Mushkil mein tanhaai ne bhi saath chod diya
Meri mehfil se uthkar hare ek insaan chala gayaa..
Zindagi bhar jine ka armaan chala gaya….
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