Dil se hook uthati rahi, Shamma bujh ke jati rahi
Main rota raha raat bhar, yaad Tum aati rahi
Jalte hue Dil ko maine , Sharaab mein dubo diya
Wo bujh ke dhuan ho gaya, ek aas thi wo jati rahi
Aadhi raat jab chand chup gaya baadalon ke paar
Door kisi ghar mein Shahnai gungunati rahi
Raat bhar chat par Taare main ginta raha
Raat bhar kaano mein geet tum gaati rahi
Maine tumhare naam se ek Deep jala kar rakh diya
Raat bhar sard hawaa aake mujhko daraati rahi..
Main rota raha raat bhar, Yaad tum aati rahi…
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